عرض الرسائل ذات التصنيف Harivansgraai Bachchan

दिन जल्दी जल्दी ढलता है - हरिवंशराय बच्चन

हो जाए न पथ में रात कहीं, मंजिल भी तो है दूर नहीं- यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है! दिन जल्दी-जल्दी ढलता है… قراءة المزيد

अंधेरे का दीपक - समजूती

अंधेरे का दीपक है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है? कल्पना के हाथ से कमनीय जो मंदिर बना था , भावना के हाथ से जिसमे… قراءة المزيد

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